एक अनजान गाँव में
मैं अजनबी अकेला खड़ा
सड़क पर
मुँह लटकाया हुए
अब चाहत है
कि कोई
अजनबी परिचित मिले
और रात भर
उससे
बातें करू
मेरे गाँव की।
© अग्यार’बिश्नोई’
एक अनजान गाँव में
मैं अजनबी अकेला खड़ा
सड़क पर
मुँह लटकाया हुए
अब चाहत है
कि कोई
अजनबी परिचित मिले
और रात भर
उससे
बातें करू
मेरे गाँव की।
© अग्यार’बिश्नोई’