प्यार

मिलने से अच्छा पहले,आँखो से इशारा हो।
दूरियाँ बढ़ती रहे और नजरों का सहारा हो।

हल्की सी मुस्कान और शर्माता चेहरा हो,
तुम्हारी बेवफ़ाई पर मेरे वफ़ा का रंग गहरा हो।

दर्द से भरी मोहब्बत और ज़ख्म चाहे हरा हो,
मगर तेरी खुशियों पर मेरी ही उदासी का पहरा हो।

सुनसान सी गलियाँ उन पर छाया कोहरा हो,
रंग वफ़ा का रंग जाये चोखा,तो ही मिलने का इशारा हो।

©prayas

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