प्रारब्ध

क्या है ये जीवन,

कहाँ से सृष्टी होती है

ये जीवन की सत्ता?

भगवान की ये अद्भुत लीला होती है

इस संसार को समझना बहुत ही मुश्किल है

तकदीर देनेवाला है प्रभु

और अपनी तकदीर को

अपनी साथ लेकर चलना है बड़ी कठिन

इस जिंदगी सुख-दुःख से चलता है,

जहाँ अपनी कर्म ने अपनी भाग्य रेखा को बदल सकती है

जो इस जगह मैं अपनी ब्यक्तित्व को बना पाया

वह ही इस रंगमंचवाली दुनियाँ के सामने बिजय की बरमाला धारण कर पाया।

©Smiti pragnya

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