तुझसे कितना प्यार करूँ …..
तू ही बता इस दीवानेपन का क्या इलाज करूँ
सांस अटकी पड़ी है तुझ में कहीं जाना
दर्दे दिल पर तेरे नाम का मरहम इख्त़ियार करूँ
रूह पर इश्क़ का नशा इस कदर छाना
तेरी तड़प को जिस्म से जुदा कैसे करूँ
हर दफ़ा दिल का मुझ पर य़ूँ हावी होना
इस बेकरारी को कौनसा करार दूँ
मेरी तनहाई में तेरी यादों का साथ निभाना
तू ही बता तुझसे और कितना प्यार करूँ
जब तक जिंदा हूँ तब तक बस तुझे है देख़ना
जुदा न हो एक पल भी ताउम्र आँखों में कैद करूँ
– रागिनी “शायरा”